1. For My Fear : Powerless Stupid Things
• हमारे जीवन मे कई बार कुछ बुरे अनुभव या समय आतें हैं, ये बुरे अनुभव या समय किसी भी प्रकार के हो सकते हैं, जैसे पैसे की कमी या पैसे का नुकसान हो जाना, खुद या किसी संबंधित का बीमार हो जाना, रिस्तों मे बिगाड़ mis-understanding आ जाना, ऐसे ही बहुत से कारण हो सकते हैं, जो हमे बुरे अनुभव कराते हों, कभी-कभार हम ऐसे मौकों पर बहुत डर जाते हैं और चिन्तित हो जाते हैं, कि अब क्या होगा, मेरा भविष्य कैसा होगा, ये एक तरह का मानवीय स्वभाव है, डर और चिंताएं सब को होती है।
लेकिन हम मे से ही कुछ लोग, अपने डर और चिंताओं को हरा कर अपने जीवन मे सफलता पाते हैं, वो डर के कारण कभी रूकते नही है, डर अपने-आप में कुछ नही है, ये हमारे मस्तिष्क मे दौड़ता एक विचार होते है, हमे अपने डर पर काबू पाना आना चाहिए, डर का प्रबंधन करना आना चाहिए।
क्योकि बहुत सी study हमें बताती है,
भविष्य की घटनाओं के लिए, हम मानव खुद से जितना डरते हैं, या चिंता करते हैं, भविष्य में वैसी घटनाएं, बहुत ही कम आतें हैं।
लेकिन हम इंसान अपने डर और चिंताओं के कारण अपने जीवन में वो कार्य नही कर पाते जो सफलता के लिए करना जरूरी थें, तो डर को हिमालय पहाड़ की तरह न देखें, जो ना ये है, हमें अपने डर को एक Powerless (शक्तिहीन) कमजोर चीजें मानना चाहिए।
2. For My Immunity : invincible, Invisible Wave, Invincible, Invisible Everest
• Immunity > जिसे हिंदी में "रोग प्रतिरोधक शक्ति" या प्रतिरक्षा कहते हैं, पहले हम इस शब्द का कुछ परिभाषा जान लेते हैं,
1.यदि आप किसी विशेष बीमारी से ग्रसित हैं, तो आप इससे प्रभावित नहीं हो सकते।
2. एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया या प्रतिक्रिया शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा एक प्रतिक्रिया है जो कुछ हानिकारक है जो इसे प्रभावित कर रही है।
3. यदि आप किसी ऐसी चीज से प्रतिरक्षा करते हैं जो होती है या हो जाती है, तो आप इससे प्रभावित नहीं होते हैं।
4. कोई व्यक्ति या कोई ऐसी चीज जो किसी विशेष प्रक्रिया या स्थिति से प्रतिरक्षा करती है, वह इससे बच सकती है।
इन चार परिभाषाओं से आप समझ चुके होंगे, कि immunity हमारे शरीर में एक "रोग प्रतिरोधक शक्ति" होती है, जिसे हम देख नही सकते लेकिन ये बहुत शक्तिशाली
होते है, ये हमारे शरीर से बड़ी से बड़ी बीमारियों को खत्म कर सकता है, जैसे कैंसर, और अभी के मौजूदा बीमारी कोरोना वायरस भी
तो इसलिए हमें अपने शरीर में मौजूद immunity cells को Invincible wave, invisible wave यानी अजय लहर, अदृश्य लहर, Invincible Army, invisible Everest यानी अजय सेना, अदृश्य पहाड़ की तरह देखना चाहिए।
3. For My Life : A Rising Sun
• हमे अपने जीवन को हमेशा सुन्दर, बेहतर, उगते सुरज की तरह देखना चाहिए। डूबते सुरज की तरह नही क्योंकि डुबते सुरज के बाद रात आती है, हम वो उगते सुरज है जिसके बाद दिन रौशन होती है।
4. For My Today : A School Wonderful learning
• हमे अपने "आज" को एक स्कूल की तरह देखना चाहिए, हम अपने आज में वो कौन सी एक अद्भुत विद्या सीख सकते हैं जिससे हमारा जीवन बेहतर सुन्दर होगा, ये कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि हम जो कुछ भी अपने "आज" मे सीखते हैं वही "कल या "भविष्य" में काम आते है
5. For My Tomorrow : Surprising Positive Gift
• हमें अपने "कल" को हमेशा एक साकारात्मक उपहार के रुप मे देखना चाहिए, हमारा आने वाला "कल" क्या हैं हम नही जानते लेकिन हम आने वाले "कल" को उपहार के रुप मे ज़रूर देख सकते हैं, जो हम नही जानते वो हमारे लिए बेहतर उपहार हो ऐसी कल्पना करनी चाहिए, जो हम नही जानते उसे लेकर परेशान होना जरूरी नही है
6. For my future : A Celebration
• हमें अपने भविष्य को हमेशा एक उत्सव के रुप में देखना चाहिए, ये कल्पना करनी चाहिए, कि हम अपने भविष्य मे एक उत्सव मनाएंगे, एक जश्न मनाएंगे, अपने कामयाबियों का, अपने लक्ष्यों कें पुरा होने का, खुशियां हमेशा हमारे साथ रहेंगी।
7. For My Aakhirah : Going On Jannah Because My Aamal
• ये वाक्य उन लोगों के लिए है, जो लोग धार्मिक है धर्म मे विश्वास रखतें हैं, चूंकि मै एक मुस्लिम हू इसलिए मैंने अपने विश्वास के मुताबिक ये वाक्य लिखा हैं,
यहां पर आप अपनें विश्वास के अनुरूप कुछ भी लिख या पढ़ सकते हैं, लगभग सभी मुख्य धर्मो के लोगों का ये मानना है, कि मरने के बाद जन्नत (स्वर्ग) और जहन्नुम (नर्क) जिसे English मे HEAVEN और HELL कहा जाता है,
वो हैं, नास्तिक लोग इस वाक्य को छोड़ सकते हैं।
मरने के बाद क्या होगा ये चिंता करने का विषय नही है, हम अपने आध्यात्मिक जीवन में अपने लिए क्या करते है, ये सोचने का विषय है, Aware जागरूक रहने का विषय है, ईश्वर का ब्रह्मांड ईश्वरीय सिद्धांतों के अनुसार कार्य करते हैं, इसे अगर मै उर्दू मे कहुं तो अल्लाह का "काइनात" अल्लाह के आयातों के मुताबिक अपना काम करती है, अगर हमने अपने जीवन मे उनके बनाए सिद्धांतों (आयातों) का अनुसरण किया है, तो उनका सिद्धान्त (आयातें) या नियम स्वयं ही हमें उनके बनाए जन्नत (स्वर्ग) तक पहुंचा देगी, और अगर नही किया है, तो उनका बनाए सिद्धान्त (आयातें) स्वयं ही हमे जहन्नुम (नर्क) तक पहुंचा देगी,
तो हमें अपने आखिरह (मौत के बाद कि जिंदगी) के बारे भी चिंता नही करनी चाहिए, बल्कि Aware जागरूक रहनी चाहिए, यहा पृथ्वी पर वो कार्य करनी चाहिए जो ईश्वर के सिद्धांतों का अनुसरण करता हो